Bhartiya Sanskar Class 10th Sanskrit Question Answer 2024

BSEB Class 10th Sanskrit | भारतीयसंस्कार: | Important Question 2024 | Bhartiya Sanskar Class 10th Sanskrit Question Answer 2024

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BSEB Class 10th Sanskrit | भारतीयसंस्कार: | Important Question 2024 |


Bhartiya Sanskar Class 10th Sanskrit Question Answer 2024

1. सभी संस्कारों के नाम सोदाहरण लिखें।

उत्तर⇒ संस्कार प्रायः पाँच प्रकार के हैं जन्म से पूर्व तीन, शिशुओं के छह, शैक्षणिकों के पाँच, गृहस्थसंस्कार विवाह रूप एक, मृत्यु के बाद एक संस्कार है। इस प्रकार षोड्श (सोलह ) संस्कार होते हैं। जन्मपूर्व संस्कारों में गर्भाधान, पुंसवन और सीमन्तोनयन तीन होते हैं। यहाँ गर्भरक्षा, गर्भस्थ का संस्कार रोपण (संस्कार डालना) और गर्भवती की प्रसन्नता, इस प्रयोजन की कल्पना है। शैशव (बालावस्था) संस्कारों में जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण (बाहर निकलना), अन्नप्राशन (अनाज का भोजन), चूडाकर्म (मुंडन), कर्णवेधन (कान छिदवाना) क्रमशः होते हैं।

शिक्षा-संस्कारों में अक्षर – आरम्भ ( पढ़ाई शुरू करवाना), उपनयन, (गुरु समीप जाने वाला अर्थात् जनेऊ), वेदारम्भ (वेद-पाठन), केशान्त समावर्तन कल्पित हैं। अक्षरारम्भ में अक्षरलेखन और अंक लेखन शिशु प्रारम्भ करते हैं। उपनयन संस्कार का अर्थ गुरु के द्वारा शिष्य को अपने घर ले जाना होता है। वहाँ शिष्य शिक्षानियमों को पालन करते हुए अध्ययन करता है। वे नियम ब्रह्मचर्यव्रत में समाहित (निहित) होता है। प्राचीनकाल में शिष्य ब्रह्मचारी कहे जाते थे। गुरु घर में ही शिष्य वेदारम्भ करते थे। वेदों के महत्त्व को प्राचीन शिक्षा में उत्कृष्ट माना जाता था। केशान्त-संस्कार में गुरु के घर पर ही शिष्य का प्रथम (पहला) क्षौरकर्म (केश कटाना) होता था। यहाँ गोदान मुख्य कर्म था। अतः साहित्य ग्रन्थों में इसका नामान्तर (नाम बदलकर ) गोदानसंस्कार भी मिलता है। समावर्तन संस्कार का उद्देश्य शिष्य का गुरु घर से गृहस्थ जीवन में प्रवेश था। शिक्षा – समाप्त होने पर गुरु शिष्यों को उपदेश देकर घर को भेजते हैं। उपदेशों में प्रायः जीवन के धर्मों को प्रतिपादित किया जाता है।

विवाह संस्कार के उपरान्त ही मनुष्य वस्तुतः गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है। विवाह पवित्र संस्कार है जहाँ विविध विधान कर्मकाण्ड होते हैं। उनमें वाग्दान (वचनबद्धता), मण्डप निर्माण (मँडवा), वधू के घर पर वरपक्ष का स्वागत, वर-वधू का परस्पर निरीक्षण, कन्यादान, अग्निस्थापना, पाणिग्रहण (हाथ देना), लाजाहोम ( धान के लावे से हवन ), सप्तपदी (सात वचनों से फेरे), सिन्दूरदान इत्यादि । सभी जगह प्रायः विवाह संस्कार का आयोजन होता है । तदनन्तर गर्भाधान इत्यादि संस्कार पुनरावृत्त होकर जीवनक्रम घूमता है। मरण के अनन्तर अन्त्येष्टि संस्कार अनुष्ठित होता है । इस प्रकार भारतीय दर्शन का महत्त्वपूर्ण स्रोत स्वरूप संस्कार है।


2. भारतीय संस्काराः पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।

उत्तर⇒ भारतीय जीवन-दर्शन में चौल कर्म (मुण्डन), उपनयन, विवाह आदि संस्कारों की प्रसिद्धि है। छात्रगण संस्कारों का अर्थ तथा उनके महत्त्व को जान सकें, इसलिए इस स्वतंत्र पाठ को रखा गया है जिससे उन्हें भारतीय संस्कृति के एक महत्त्वपूर्ण पक्ष का व्यवस्थित परिचय मिल सके।


3. संस्कार कितने होते हैं? विवाह संस्कार का वर्णन करें। आधार स्पष्ट करें कि संस्कार अथवा, ‘भारतीयसंस्काराः’ पाठ के कितने हैं? विवाह संस्कार का वर्णन करें।

उत्तर⇒ संस्कार सोलह हैं। विवाह संस्कार के उपरांत ही मनुष्य वस्तुतः गृहस्थ जीवन में प्रवेश करता है। विवाह पवित्र संस्कार है जहाँ विविध-विधान कर्मकाण्ड होते हैं। उनमें वाग्दान, मण्डप निर्माण, वधू के घर पर वरपक्ष का स्वागत, वर-वधू का परस्पर निरीक्षण, कन्यादान, अग्निस्थापना, पाणिग्रहण, लाजाहोम, सप्तपदी, सिन्दूर दान इत्यादि। सभी जगह प्रायः विवाह – संस्कार का आयोजन होता है । तदनन्तर गर्भाधान इत्यादि संस्कार पुनरावृत्त होकर जीवनक्रम घूमता है। मरण के अनन्तर अन्त्येष्टि संस्कार अनुष्ठित होता है। इस प्रकार भारतीय दर्शन का महत्त्वपूर्ण स्वरूप संस्कार है।


4. समावर्त्तन संस्कार का वर्णन करें।

उत्तर⇒ समावर्त्तन संस्कार का उद्देश्य शिष्य का गुरु के घर से अलग होकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करना होता था। शिक्षा की समाप्ति पर गुरु शिष्यों को उपदेश देकर घर भेजते थे। उपदेशों में प्रायः जीवन के धर्मों एवं कर्त्तव्यों को बताया जाता था। जैसे— सत्य बोलो, धर्माचरण करो, पढ़ने से प्रमाद मत करो इत्यादि।


5. गर्भाधान संस्कार का प्रयोजन क्या है?

उत्तर⇒ गर्भाधान संस्कार (जन्म पूर्व) संस्कार है। धर्मपत्नी जब गर्भधारण करती है तब शिशु का गर्भाधान संस्कार किया जाता है।


6. केशान्त संस्कार को गोदान संस्कार भी कहा जाता है, क्यों?

उत्तर⇒ केशान्त संस्कार में गुरू गृह में ही शिष्य का प्रथम क्षौरकर्म (मुण्डन) होता था। इसमें गोदान मुख्य कर्म होता था। अतः साहित्य ग्रन्थों में इसका दूसरा नाम गोदान संस्कार भी कहा जाता है।


7. संस्कार का मौलिक अर्थ क्या है?

उत्तर⇒ संस्कार संस्कृति का उपकरण है। संस्कार व्यक्तित्व की रचना करता है। संस्कार के बिना मनुष्य पशु है।


8. शैशव संस्कारों पर प्रकाश डालें।

उत्तर⇒ संस्कारों में शैशव संस्कार सर्वोत्तम है। यह संस्कार मनुष्यों के भविष्य का आधारशीला होता है। इनके अंतर्गत जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म तथा कर्णवेध कुल छः संस्कार होते हैं।


9. मनुष्य के जीवन में संस्कारों की क्या उपयोगिता है?

उत्तर⇒ मनुष्य के जीवन में संस्कारों की प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। संस्कार ही व्यक्तित्व का विकास करते हैं। हमारी प्राचीन संस्कृति की पहचान ही संस्कारों से है । हमारे आदि ऋषि महर्षियों की कल्पना थी कि जीवन के मुख्य अवसरों पर वेद मंत्रों का पाठ, बड़ों का आशीर्वाद, हवन एवं पारिवारिक सदस्यों का सम्मिलित सम्मेलन होना चाहिए। यह सब संस्कारों के अनुष्ठान पर ही संभव हैं। सच मायने में संस्कार मानव रूप को क्रमशः शुद्ध करने, दोष निवारण एवं गुणों का आधान करने में योगदान प्रदान करते हैं।


10. शैक्षणिक संस्कार कौन-कौन से हैं?

उत्तर⇒ शैक्षणिक संस्कारों में अक्षरारम्भ, उपनयन, वेदारम्भ, केशान्त तथा समावर्त्तन संस्कार होते हैं।


11. कुल की रक्षा कैसे होती है?

उत्तर⇒ कुल की रक्षा आचरण से होती है। इसलिए हमें पवित्र आचरण का व्यवहार सदैव करना चाहिये।


12. उपनयन संस्कार का वर्णन करें।

उत्तर⇒ उपनयन संस्कार का अर्थ गुरु द्वारा शिष्य को अपने आश्रम में लाना होता है। आश्रम में शिष्य शिक्षा नियमों का पालन करते हुए अध्ययन करते थे। ये सभी नियम ब्रह्मचर्य व्रत में समाहित हैं। प्राचीन काल में शिष्य ब्रह्मचारी कहे जाते थे। गुरु-गृह में ही शिष्य वेदारम्भ करते थे।


BSEB Class 10th Sanskrit

S.N Sanskrit Subjective Question Answer Class 10 Bihar Board
1. मङ्गलम
2. पाटलिपुत्रवैभवम
3. अलसकथा
4. संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः
5. भारतमहिमा
6. भारतीयसंस्कार:
7. नीतिश्लोका:
8. कर्मवीरकथा
9. स्वामी दयानंद:
10. मंदाकिनीवर्णनम
11. व्याघ्रपथिककथा
12. कर्णस्य दानवीरता
13. विश्वशांति:
14. शास्त्रकारा:

BSEB Class 10th Sanskrit 2024

S.N Class 10th Question Answer
1. Social Science- सामाजिक विज्ञान
2. Science- विज्ञान
3. English- अंग्रेज़ी
4. Sanskrit- संस्कृत
5. Mathematics- गणित
6. Hindi- वर्णिका भाग 2
7. Hindi- गोधूलि भाग 2
8. Hindi-हिंदी